tag:blogger.com,1999:blog-34531871.post4474617518227063396..comments2023-10-22T14:35:15.591+05:30Comments on HINDI PANNA - हिन्दी पन्ना: विकलांग श्रद्धा का दौर – हरिशंकर परसाईbhuvnesh sharmahttp://www.blogger.com/profile/01870958874140680020noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-34531871.post-55220862017626015642021-08-24T09:39:52.594+05:302021-08-24T09:39:52.594+05:30परसो २२अगस्त को श्री हरिशंकर परसाई जयंती थी। इसी ब...परसो २२अगस्त को श्री हरिशंकर परसाई जयंती थी। इसी बहाने उन्हें साल में हम कुछ ११-१२ साथी मिल बैठ कर एक बार याद कर लिया करते हैं। उनकी रचनाएं आज भी समसामयिक लगती हैं। ऐसा लगता है कि जैसे अभी के समय की बात कर रहे हैं। समय बदला, पात्र बदले पर चरित्र वही रहा। पहले तो दबा ढका रहता था अब खुल्लमखुल्ला बेहयाई से सामने आ रहा है। परसाई जीकी रचनाओं को सामने लाने का भुवनेश बहुत ही अच्छा और बढ़िया काम कर रहे हो।Yogihttps://www.blogger.com/profile/01710945957814799170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-34531871.post-75142853291680588282021-08-24T09:37:40.491+05:302021-08-24T09:37:40.491+05:30परसो २२अगस्त को श्री हरिशंकर परसाई जयंती थी। इसी ब...परसो २२अगस्त को श्री हरिशंकर परसाई जयंती थी। इसी बहाने उन्हें साल में हम कुछ ११-१२ साथी मिल बैठ कर एक बार याद कर लिया करते हैं। उनकी रचनाएं आज भी समसामयिक लगती हैं। ऐसा लगता है कि जैसे अभी के समय की बात कर रहे हैं। समय बदला, पात्र बदले पर चरित्र वही रहा। पहले तो दबा ढका रहता था अब खुल्लमखुल्ला बेहयाई से सामने आ रहा है।Yogihttps://www.blogger.com/profile/01710945957814799170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-34531871.post-26164824632176595382021-08-07T11:49:49.431+05:302021-08-07T11:49:49.431+05:30Good,
Good, <br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/05566304907532345672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-34531871.post-36570572376535247882017-09-19T11:01:24.960+05:302017-09-19T11:01:24.960+05:30परसाई की प्रतिभा के ओशो भी कायल थेपरसाई की प्रतिभा के ओशो भी कायल थेShekhar Chandra Mitrahttps://www.blogger.com/profile/15658782061833856530noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-34531871.post-27304827900666512522007-05-13T11:39:00.000+05:302007-05-13T11:39:00.000+05:30के. पी. सक्सेनाजी के आलेख मेरे पास उपलब्ध न होने क...के. पी. सक्सेनाजी के आलेख मेरे पास उपलब्ध न होने के कारण पोस्ट नहीं कर सकता.bhuvnesh sharmahttps://www.blogger.com/profile/01870958874140680020noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-34531871.post-13071263260835520752007-05-11T02:15:00.000+05:302007-05-11T02:15:00.000+05:30....उसने कहा-, “अपना तो यह नियम है कि गौ, ब्राह्मण...<B>....उसने कहा-, “अपना तो यह नियम है कि गौ, ब्राह्मण, कन्या के चरण जरूर छूते हैं।” यानी उसने मुझे बड़ा लेखक नहीं माना था। बम्हन माना था।...</B><BR/>गलतफहमी कैसे हो गयी. उसने तीन केटेगरी बताई थी, दो आपने अपनी मनमर्जी रूल आउट कर दीं?Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-34531871.post-31439345625498901502007-05-10T22:25:00.000+05:302007-05-10T22:25:00.000+05:30बढ़िया है भुवनेश. धीरे धीरे परसाई जी के आलेख लाते ज...बढ़िया है भुवनेश. धीरे धीरे परसाई जी के आलेख लाते जा रहे हो. इन्हें तो जितनी बार पढ़ा जाये, उतना ही कम है.<BR/><BR/>क्या तुम्हारे पास के.पी.सक्सेना जी के आलेख भी हैं? कभी उनमें से कुछ पोस्ट किया जाये.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com