हालांकि हिन्दी ब्लॉगिंग के लिए तो ये अभी-भी दूर की ही कौड़ी है क्योंकि हिन्दी अभी तक गूगल की विज्ञापन सेवा एडसेंस की समर्थित भाषाओं की सूची में नहीं है...हालांकि कुछ ब्लॉग्स पर अभी भी विज्ञापन नजर आ रहे हैं जिसका कारण है ब्लॉग्स पर सर्च इंजन से ट्रैफिक जुगाड़ने हेतु अंग्रेजी कीवर्ड्स की उपस्थिति...फिर भी आमदनी नगण्य ही है क्योंकि अव्वल तो ये विज्ञापन ब्लॉग पर दिखते ही नहीं और यदि दिखते भी हैं तो आने वाले पाठक इन पर क्लिक नहीं करते...मेरा तो अनुभव यही है बाकी वे लोग बतायें जो इससे यदि वाकई में कुछ कमाई कर रहे हैं
हालांकि आजकल गूगल अपने कुछ विज्ञापनों को हिन्दी में भी दिखा रहा है खासकर आजकल बंबई-पूना की सैर कराने वाले विज्ञापन ही हिन्दी में ज्यादा नजर आ रहे हैं जिन पर शायद ही कोई क्लिक करता होगा...क्योंकि हिन्दी चिट्ठों पर ज्यादातर ट्रैफिक हिन्दुस्तान से ही आता है...एक और एलआईसी का कराड़पति बनाने वाला विज्ञापन है जो कभी-कभार नजर आता है...ऐसे ही इक्के-दुक्के विज्ञापन नजर आते हैं फिलहाल हिन्दी में...वैसे गुजराती और मराठी भाषाओं के विज्ञापन भी इन इक्के-दुक्के विज्ञापनों की जमात मे शामिल हैं...
मेरे एक मित्र जिन्हें मोबाइल से ब्लॉगिंग का शौक है हाल ही में एडसेंस से परिचित हुए हैं और मोबाइल ब्लॉगिंग छोड़कर लैपटाप पर हाथ आजमा रहे हैं ताकि अपने अंग्रेजी ब्लॉग पर ट्रैफिक बढ़ाकर विज्ञापनों से कमाई की जा सके... उन्होंने दो-तीन बार एडसेंस के लिए आवेदन किया पर हर बार उनका आवेदन निरस्त हो गया...बेचारे बड़े दुखी थे...गूगल पर उन्हें गुस्सा भी आ रहा था कि गूगल सबको पैसा कमाने दे रहा है पर उनसे कन्नी काट रहा है...मैंने उनको सुझाव दिया कि विज्ञापन प्रदान करने वाली भारतीय सेवाओं जैसे एड्स फॉर इंडियंस या अन्य एफिलिएट प्रोग्राम में क्यों नहीं रजिस्टर कराते वे भी कुछ ना कुछ दे ही देंगे....पर उन्हें तो केवल गूगल के ही विज्ञापन चाहिए थे...वे खोजते रहे..उनको कुछ पता लगा तो उन्होंने बताया कि कुछ लोग नेट पर गूगल अकाउंट बनाकर देते हैं और उसका आपसे कुछ पैसा भी लेते हैं...मैंने कहा मुझे तो इसकी जानकारी है नहीं यदि ऐसा है तो एक बार कोशिश कर डालिए...उन्होंने संबंधित सेवा प्रदान करने वाले व्यक्ति से संपर्क कर उसे पैसा भी भेज दिया परंतु आज तक उसकी तरफ से कोई उत्तर नहीं मिला है...मेरे मित्र का कहना है कि इंटरनेट पर सक्रिय इस प्रकार के ठगों का काम मजे में चल रहा है और लोग उनके चंगुल में आकर पैसे भी गंवा रहे हैं....शायद लोगों से पैसे ऐंठने का ये भी एक तरीका है... क्योंकि बहुतेरे आवेदन जो एडसेंस को भेजे जाते हैं वे निरस्त ही हो जाते हैं....और बढि़या ट्रैफिक और विजिटर्स पाने वाले ब्लॉगर्स जल्द से जल्द इस एकाउंट की चाबी चाहते हैं....हालांकि मेरा मानना है कि शायद ही लोगों का काम बनता हो उनका पैसा तो लालच मे आकर पानी में ही बह जाता है....क्योंकि गूगल के नियम व शर्तें बहुत सख्त हैं....बहरहाल मेरे मित्र बेचारे दुखी हैं विज्ञापन ना जुटा पाने और पैसे डूबने के कारण...फिलहाल उन्होंने शादी-ब्याह कराने वाले किसी एफिलिएट विज्ञापन के लिए आवेदन किया है और तुरंत ही उन्हें एप्रूवल भी मिल गया....देखते हैं बेचारे इतनी मेहनत के बाद भी कुछ कमा पाते हैं या नहीं...